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शनिवार, 12 सितंबर 2015

उम्र के सारे लम्हे जियो




एक दिन - वह दिन 
जब ईश्वर ने कहा, जाओ धरती पर 
माँ की गोद में संसार मिला 
सोहर के बीच आने की खुशियाँ मिलीं  … 
वही दिन आज खुद को दुहरा रहा है 
और अब तो सामने एक बहुत बड़ा परिवार है 
यह कहने को 
कि उम्र के वह सारे लम्हे जियो 
जिसमें ज़िन्दगी है 
मकसद है 
जिजीविषा है    .... 

जिजीविषा किसी एक पल की मोहताज नहीं होती, फिर भी कौन जाने कौन सा पल जिजीविषा बन जाये  … 



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1 टिप्पणियाँ:

शिवम् मिश्रा ने कहा…

सही बात है ... एक भी लम्हा छूटा तो न जाने क्या क्या छूट जाएगा !!

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