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सोमवार, 28 सितंबर 2015

युवाओं की धार को मिले विचारों की सान - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज २८ सितंबर है ... आज शहीद ए आज़म सरदार भगत सिंह जी की १०८ वीं जयंती है |

"अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है जिसमे अंतत: प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है . लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर ना निर्भर करें ."

- शहीद ऐ आज़म सरदार भगत सिंह जी


ब्लॉग बुलेटिन टीम और पूरे हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से शहीद ऐ आज़म सरदार भगत सिंह जी की १०८ वीं जयंती पर उन्हें शत शत नमन ।

इंक़लाब जिंदाबाद ।।
सादर आपका
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शाहिदे आजम सरदार भगत सिंह

भगतसिंह आज भी भारत की जनता के मार्गदर्शक हैं - शैलेन्द्र चौहान

हर औरंगजेब को अब मिटा देंगे

डिजिटल इंडिया

वर्ल्ड रेबीज डे ...

अब पोस्टमैन बनने के लिए बीटेक छात्र भी होड़ में

मौतों पर रहस्य क्यों?

मेरे दिल आज ये बता दे

मशीन से आदमी

दास्तानें

बाबा रे बाबा

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कितना भी तेज़ हथियार हो ... उसकी धार बनाए रखने के लिए एक न एक 'सान' चाहिए ही चाहिए ... ऐसी ही एक 'सान' Anubhav Priya जी हम सब के लिए लाये है ... हमारे मन के लिए ... हमारे विचारों के लिए ... क्यों कि इंसानी दिल ओ दिमाग से बड़ा कोई अस्त्र शस्त्र नहीं ... देखिये और अपने दिल ओ दिमाग की धार तेज़ कर लीजिये ... आज के दिन इस से उम्दा श्रद्धांजलि शहीद ए आज़म सरदार भगत सिंह जी को दी नहीं जा सकती जब आज के युवा उनको इस शिद्दत से याद करें |

शाबाश ... अनुभव शाबाश ...चलता रहे यह इंकलाब ...

इंकलाब ज़िंदाबाद !!


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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

5 टिप्पणियाँ:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

आपका प्रयास सराहनीय है। शुक्रिया।

डॉ टी एस दराल ने कहा…

आपका प्रयास सराहनीय है। शुक्रिया।

कविता रावत ने कहा…

शहीद ए आज़म सरदार भगत सिंह जी को नमन!
सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

Unknown ने कहा…

उम्दा संकलन ।
मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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