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रविवार, 6 सितंबर 2015

बच्चों के लिए




बच्चे नर्म मिटटी से होते हैं 
कुम्हार यानि अभिभावक उन्हें जिस तरह गढ़ ले 
बच्चे पौधे से होते हैं 
समय समय पर काट-छाँट ज़रूरी है 
बच्चे जिज्ञासु होते हैं 
उनके लिए कहानियों, कविताओं का माध्यम होना चाहिए 
बहुत कुछ सीखने और जानने के लिए 



3 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुंदर प्रस्तुति ।

कविता रावत ने कहा…

सुन्दर बाल रचनाओं से सजी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार

शिवम् मिश्रा ने कहा…

बच्चों के लिए ... एक शानदार प्रस्तुति |

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