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शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

छोटी सी प्रेम कहानी

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक दादा और दादी ने अपने जवानी के दिनों को याद करके का सोचा।

उन्होंने फैसला किया कि हम फिर से दरिया के किनारे मिलेंगे जहाँ हम पहली बार मिले थे।

दादा सुबह जल्दी उठकर तैयार होकर गुलाब लेकर पहुँच गए पर दादी नहीं आयी।

दादा जी गुस्से में घर पहुंचकर बोले,"तुम आयी क्यों नहीं, मैं इंतज़ार करता रहा तुम्हारा?"

दादी ने भी शर्मा के जवाब दिया,"माँ ने जाने ही नहीं दिया।"
 
सादर आपका 

7 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर सी प्रेम कहानी के साथ पेश किये गये एक सुन्दर बुलेटिन में 'उलूक' की बकबक का जिक्र करने के लिये आभार शिवम जी।

Kailashpur ने कहा…

इतने अच्छे लिंक देने के लिए आभार
और मेरी रचना शामिल करने के लिए दिल से धन्यवाद

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

SKT ने कहा…

Vaah

Sunita Sharma Khatri ने कहा…

बहुत खुब

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

Nirupama Mishra ने कहा…

वाह,,,

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