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शनिवार, 12 मई 2018

ज़िन्दगी का बुलबुला - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज आप सब की ख़िदमत में एक खूबसूरत सा शे'र पेश है ... मुलाहिजा फरमाए ...



नोंक है ये समय, बुलबुला जान है;
बीच में ख़ौफ है, जिन्दगी नाम है!"
- अज्ञात

सादर आपका 

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♥सीलन...












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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

4 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

खूबसूरत भी और डरावना भी जो भी कह लो शेर लाजवाब है और बुलेटिन हमेशा की तरह सुन्दर। आभार है 'उलूक' के सूत्र को भी आज के सूत्रों में जगह देने के लिये शिवम जी।

Meena sharma ने कहा…

बेहतरीन बुलेटिन प्रस्तुति ।

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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